DRS, NO BALL, और शर्मनाक अंपायरिंग.. जूनियर एशिया कप के फाइनल में पाकिस्तान से ऐसे हारी भारतीय टीम, नो बॉल पर दिया गया आउट

श्रीलंका की सरजमी पर खेले गये जूनियर एशिया कप के फाइनल में भारतीय क्रिकेट टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा है. इस मैच में टीम इंडिया को पाकिस्तान के हाथो 128 से हार का सामना करना पड़ा है. बता दे की इस मैच में पाकिस्तान- A टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 8 विकेट के नुकसान 352 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया था, जिसे भारत- A टीम हासिल नहीं कर पाई. भारत- A टीम 40 ओवर में महज 224 रन ही बना सकी. नतीजन पाकिस्तान टीम इस जूनियर एशिया कप की चैंपियन टीम बनी.

वही, अब भारत-A और पाकिस्तान -A के बीच खेले गये इस मैच की चर्चा सोशल मिडिया पर काफी अधिक हो रही है. क्योकि इस मैच में अम्पायरों ने भारत- A के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया. जिसकी वजह से टीम इंडिया को मैच में हार का सामना करना पड़ा. जी हां, इस मैच में अम्पायरो की बेहद शर्मनाक अंपायरिंग देखने को मिली. जिसके बाद कहा जा सकता है की टीम इंडिया पाकिस्तान से नहीं बल्कि अम्पायरो की वजह से हारी.

इस मैच में अम्पयारो ने कुछ ऐसे फैसले दिए, जिनकी वजह से भारत की हार निश्चित हुई. जिनके बारे में अब हम आपको बताने वाले है-

सबसे पहले तो साईं सुदर्शन को नो बॉल पर आउट दिया गया. दरअसल, जब साईं सुदर्शन गेंदबाजी कर रहे थे तब एक गेंद पर साईं ने पुल शॉट लगाया, जिसे मोहम्मद हारिस ने कैच किया. लेकिन ये बॉल नो बॉल थी. गेंदबाज का पैर क्रीज से आगे था. इसके बाद भी बंगलादेशी थर्ड अम्पायर मुर्शिद अली खान ने भारतीय खिलाड़ी से बाहर जाने के लिए कहा। इस तरह से 29 रन पर साई की पारी घटिया अंपायरिंग की वजह से खत्म हो गई. अब हर कोई इसपर सवाल उठा रहा है.

इसके बाद निकी जोन्स को गेंद बल्ले पर ना लगने के बाद भी आउट दिया गया. दरअसल, 13 वें ओवर की दूसरी गेंद पर निकिन ने एक शॉट खेलने की कोशिश की, लेकिन गेंद सीधा निकल गई और विकेटकीपर के हाथो में चली गई. जिसके बाद विकेटकीपर ने अपील कर दी और अंपायर ने उंगली उठा दी. अब निकिन भी कुछ नहीं कर पाए क्योकि अब DRS नहीं बचा था. मजबूरन पवेलियन लौटना पड़ा.

इसके अलावा भारत- A की हारी की तीसरी वजह ये भी रही की पाकिस्तान की टीम में कई खिलाड़ी ऐसे थे जोकि अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर खेल चुके है. यहाँ तक की वर्ल्डकप भी खेल चुके है. वही, भारतीय टीम में सभी खिलाड़ी नए थे.

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