राहुल द्रविड़ इंजर्ड थे, धोनी को कप्तान बनाने की बात आई फिर मैंने… पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया 2007 में धोनी कैसे बने कप्तान – Cricket Reader

राहुल द्रविड़ इंजर्ड थे, धोनी को कप्तान बनाने की बात आई फिर मैंने… पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया 2007 में धोनी कैसे बने कप्तान

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जब कभी बात दुनिया के सबसे महान कप्तानों की आती है तब उसमे महेंद्र सिंह धोनी का नाम टॉप पर आता है. हालाँकि, वो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह चुके है लेकिन अब फैंस के बीच उनकी दीवानगी किसी से कम नहीं है. क्योकि धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान है जिन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को ICC के तीनो बड़े टूर्नामेंट जीताये है. इसके बाद भी धोनी की कप्तानी को लेकर आये दिन तरह तरह की बाते की जाती है.

अधिकतर लोग धोनी की कप्तानी पर गर्व करते है, लेकिन कुछेक लोग धोनी की कप्तानी में कई तरह की कमियां भी ढूंढते है. खैर, इस सब के इतर हाल ही में टीम इंडिया के पूर्व हैड कोच रवि शास्त्री ने धोनी की कप्तानी को लेकर एक बड़ा और चौकाने वाला खुलासा किया है, जिसमे उन्होंने बताया है की कैसे राहुल द्रविड़ के इंजर्ड होने के बाद उन्हें टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी गई थी. तो चलिए जानते है इसके बारे में विस्तार से..

लेकिन उससे पहले आपको बता दे की हैड कोच रवि शास्त्री ने धोनी की कप्तानी को कई तरह से ऑबजर्व किया है. थोड़ा टीम मैनेजर के रूप में, थोड़ा हेड कोच के रूप में और काफी अधिक कमेंटेटर के रूप में शास्त्री जी ने धोनी की कप्तानी को बड़ी बारीकी से देखा है. ऐसे में अब जब हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान एक फैन ने रवि शास्त्री से सवाल किया की यदि आप अभी आईपीएल में खेल पाते तो किसकी कप्तानी वाली टीम में जाना पसंद करते, यानि किसी कप्तानी में खेलते है? तब इसका जवाब देते हुए रवि शास्त्री कहते है-

‘मजा आएगा धोनी की कैप्टेंसी में खेलने में, क्योकि बतौर कप्तान उनका रिकॉर्ड ऐसा करने पर मजबूर करता है. कूलनेस तो उसका सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है ही, लेकिन जिस तरह से वह खेल को पढ़ता और समझता है वह बहुत शानदार है.’ इसके आगे शास्त्री जी ने साल 2007 में धोनी को अचानक से कप्तान चुने जाने पर कहा-

‘मुझे याद है जब मैं 2007 में मैनेजर था और दिलीप वेंगसरकर चयनकर्ता थे, तब ईडन गार्डंस में प्रैक्टिस सेशन के दौरान राहुल द्रविड़ इंजर्ड हो गए थे. तब हमारी बातचीत में धोनी का नाम सामने आया. वेंगसरकर ने मुझसे पूछा और मैंने कहा, इस आदमी के पास नेतृत्व की गुणवत्ता है. इसके बाद क्या हुआ वो सबके सामने है. भारत ने साऊथ अफ्रीका में पहली बार में ही टी-20 वर्ल्ड कप जीता. ‘

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