इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ते ही बदले पृथ्वी शॉ के तेवर, टीम इंडिया के सेलेक्टर को लेकर कही अटपटी बात

इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ते ही बदले पृथ्वी शॉ के तेवर, टीम इंडिया के सेलेक्टर को लेकर कही अटपटी बात

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किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए टीम इंडिया में अपनी जगह बनाना काफी मुश्किल होता है, मगर उससे भी कही अधिक मुश्किल लम्बे समय तक खुद को टीम में बनाए रखना होता है, क्योकि आज के समय में कम्पटीशन इतना अधिक बढ़ चूका है की यदि आप लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो आपको तुरंत बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है और किसी अन्य खिलाड़ी को खेलने का मौका दिया जाता है. इसके बाद आपकी वापसी कब होगी? इसकी भी कोई गारंटी नहीं मिलती. यदि आप एक बार बाहर हुए तो फिर से वापसी करना मतलब लोहे के चने चबाना जैसा होता है..

इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ते ही बदले पृथ्वी शॉ के तेवर, टीम इंडिया के सेलेक्टर को लेकर कही अटपटी बात
इंग्लैंड में दोहरा शतक जड़ते ही बदले पृथ्वी शॉ के तेवर, टीम इंडिया के सेलेक्टर को लेकर कही अटपटी बात

ऐसा ही कुछ चल रहा है टीम इंडिया के स्टार खिलाड़ी पृथ्वी शॉ के साथ. दरअसल, पृथ्वी शॉ ने साल 2018 में अपना टेस्ट डेब्यू किया और अपने डेब्यू मैच में सही शतक जड़ा था. इसके बाद इन्हें साल 2020 में वनडे और 2021 में टी-20 डेब्यू करने का मौका मिला. लेकिन उसके बाद इनका प्रदर्शन ख़राब होता चला गया, जिस वजह से इन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. अब इन्हें टीम इंडिय से बाहर हुए करीब 2 साल हो गये. मगर डेब्यू के बाद फिर से खेलने का मौका नहीं मिला. हालाँकि, कुछ सीरीज के लिए इन्हें स्क्वाड में जरुर शामिल किया गया था.

अब चूँकि इन्हें टीम इंडिया में में खेलने का मौका नहीं मिल रहा था तो पृथ्वी शॉ काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए इंग्लैंड चले गये और अब इन्होने काउंटी क्रिकेट में डबल हंड्रेड भी मार दिया है. इन्होने बीते दिनों नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेलते हुए 153 गेंदों पर 244 रन की पारी और क्रिकेट की दुनिया में तहलका मचा दिया. वही, अब डबल हंड्रेड के बाद पृथ्वी शॉ ने एक बड़ा ब्यान दिया है, जिसमे उन्होंने कहा है की, टीम इंडिया के सेलेक्टर क्या सोच रहे है, मैं इस बारे में नहीं सोच रहा हु. मैं अपने बारे में सोच रहा हु. पृथ्वी शॉ ने कहा-

मैं यहां अनुभव हासिल करने के लिए खेल रहा हूं. मैं इस बारे में भी नहीं सोच रहा हूं कि सेलेक्टर क्या सोच रहे हैं. मैं यहां सिर्फ अच्छा समय बिताना चाहता हूं. जब अंदरूनी किनारा लगने पर भी आप आउट न हो तो समझ जाओ कि आज आपका दिन है. आप कभी कभी ही इतने लकी रहते हो. जब मैंने 150 रन पूरे किए तो मैंने सोचा आज लंबी पारी खेलने का दिन है.

बता दे की पृथ्वी शॉ ने भारत के लिए अभी तक 5 टेस्ट मैच खेले है, जिनमे 42.4 के औसत से 339 रन बनाये है, इसमें इनका हाईएस्ट स्कोर 134 रन रहा है. वही, वनडे में इन्होने 6 मैच खेले है, जिनमे 49 रन बनाये है. इसके बाद टी-20 में इन्हें एक मैच खेलने का मौका मिला है, जिसमे इनका स्कोर जीरो है. यानी पृथ्वी शॉ अपने टी-20 मैच में जीरो पर ही आउट हो गये थे. उसके बाद टीम इंडिया में वापसी नहीं कर सके. मगर अब देखना होगा की पृथ्वी शॉ की कब वापसी होती है?

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