Phil Simmons: वनडे क्रिकेट में जहाँ गेंदबाजों की कुटाई होती है रनों की बरसात होती हैं क्रिकेट के सिर्फ इसी फोर्मेट में बल्लेबाजों को खूब रन बनाने का मौका मिलता है लेकिन इस फोर्मेट का एक ऐसा गेंदबाज भी था जिसकी वनडे में तूती बोलती थी, जिसके आगे बल्लेबाज खेलने से डरते थे जिनके सामने बल्लेबाजों की एक नहीं चलती और बन जाता है गेंदबाजी का विश्व रिकॉर्ड।
ऐसी ही गेंदबाजी का प्रदर्शन किया था वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी और कोच फिल सिमंस ने। 1992 विश्व कप के बाद ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बेंसन एंड हेजज वर्ल्ड सीरीज के 8वें मुकाबले में सिमंस ने पाकिस्तान के खिलाफ ऐसी गेंदबाजी की कि नया विश्व रिकॉर्ड बन गया और अभी तक बरकरार है।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 214 रन बनाए। डेसमंड हेन्स ने टीम के लिए सर्वाधिक 96 रनों की पारी खेली। पाकिस्तान की बल्लेबाजी को देखने के बाद ये लक्ष्य छोटा दिख रहा था लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने मैच पर शानदार पकड़ बनाई और बड़ी आसानी से टीम को जीत दिला दी।
कर्टली एंब्रोस के साथ गेंदबाजी की शुरुआत करने वाले सिमंस की गेंद को खेलना पाकिस्तान के बल्लेबाजों के लिए काफी मुश्किल लग रहा था। एंब्रोस ने दबाव बनाया और फायदा सिमंस को मिला। सिमंस ने अपने 10 ओवर के स्पेल में कुल 8 मेडन दिए और महज 3 रन खर्च कर पाकिस्तान के चार बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई।
सिमंस ने आमिर सोहेल(6), आसिफ मुस्तजबा(1), सलीम मलिक(0) और कप्तान जावेद मिंयादाद(2) का विकेट निकाल पाकिस्तान की बल्लेबाजी क्रम को तहस नहस कर दिया। पाकिस्तान की ओर से इंजमाम उल हक और वकार युनिस ने सर्वाधिक 17 रन बनाए जबकि पूरी टीम महज 48 ओवर में 81 रन पर ही ढेर हो गई।
0.30 के इकॉनमी से 3 रन पर 4 विकेट लेने वाले सिमंस को उनके विश्व रिकॉर्ड गेंदबाजी के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। अपनी इस गेंदबाजी के साथ सिमंस ने पहले विश्व कप(1975) में भारतीय स्पिनर बिशन सिंह बेदी के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा था। बेदी ने 12 ओवर में 8 मेडन ओवर के साथ 6 रन देकर एक सफलता हासिल की थी और उनका इकॉनमी रहा था 0.50 का।