यारी दोस्ती मैदान से बाहर रखो, मैदान पर आंखों में आक्रामकता होनी चाहिए, गौतम गंभीर के इस बयान पर क्या बोल गये Shahid Afridi जो मच गया बवाल

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर अपने बेबाकी भरे बयानों के लिए जाने जाते है, वो आये दिन क्रिकेट और भारतीय राजनीती पर तरह तरह के ब्यान देते रहते है, जोकि सोशल मिडिया पर चर्चा का विषय बन जाते है. ऐसा ही एक बयाँ उन्होंने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के खिलाडियों पर तब दिया जब एशिया कप में भारत और पाकिस्तान का पहला मुकाबला हुआ था. उन्होंने कहा था की खिलाडियों को यारी दोस्ती मैदान से बाहर रखनी चाहिए और मैदान पर आँखों में केवल आक्रामकता होनी चाहिए.

अब गौतम गंभीर के इसी ब्यान पर पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने भी बड़ी प्रतिक्रिया दी है. जिसमे उन्होंने कहा है की ये उनकी सोच है. लेकिन खिलाडियों के बीच प्यार होना चाहिए. आइये जानते है क्या है पूरा मामला..

सबसे पहले आपको बता दे की एशिया कप में ग्रुप स्टेज में भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गये मैच से पहले देखा गया था की भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच एक अलग तरह की दोस्ती है, दोनों देशों के खिलाड़ी एक दुसरे से खूब प्यार और महोब्बत से मिल रहे थे. इस मसले में विराट कोहली खासतौर पर चर्चा में रहे. जिसके बाद गौतम गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री के दौरान अपनी प्रतिक्रिया दी थी और कहा था-

जब आप मैदान में अपनी नेशनल टीम के लिए खेलते हैं तो अपनी दोस्ती-यारी को मैदान के बाहर छोड़कर आना चाहिए. गेम फेस होना जरूरी है. दोस्ती बाहर रहनी चाहिए. दोनों ही टीमों के प्लेयर्स में वो आक्रामकता होनी चाहिए. मैच के छह-सात घंटे के बाद आप भले ही दोस्ताना माहौल बनाएं क्योंकि वो छह-सात घंटे काफी अहम होते हैं. गंभीर ने आगे कहा इन दिनों आप देखते हैं कि खिलाड़ी एक दूसरे की पीठ थपथपाते हैं और आपस में बात करते हैं लेकिन कुछ सालों पहले तक ऐसा बिलकुल नहीं था.

अब गौतम गंभीर के इसी ब्यान पर पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी ने कहा, ‘ये गौतम गंभीर की अपनी सोच है, लेकिन मेरी सोच इससे अलग है. हम क्रिकेटर्स होने के अलावा एंबेसडर्स भी हैं. पूरी दुनिया में हमारे फैंस हैं. इसलिए प्यार और सम्मान का मैसेज देना जरूरी है. हां, मैदान में आक्रामकता जरूरी है लेकिन मैदान के बाहर भी जिंदगी होती है.’

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Kuldeep is an emerging talent in the field of cricket writing and he has been working for Cricket Reader as a Sub Editor and delivering news and opinion from the world of cricket.