भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है, लेकिन फिर भी लोकप्रियता की बात की जाए तो क्रिकेट सभी खेलो को पीछे छोड़ता है. ऐसे में 2020 में जब आईपीएल का अंत हुआ तब इंडियन क्रिकेट टीम को टी नटराजन के रूप में एक ऐसा तेज गेंदबाज़ मिला जिसने अच्छे अच्छे दिग्गज बल्लेबाज़ों को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया. जी हाँ अगर आप खुद को क्रिकेट कहते है तो अब तक तो समझ ही गए होंगे की हम यहाँ टी नटराजन की बात कर रहे है जिन्हे बुमराह के बाद कुशल यॉर्कर गेंदबाज़ कहा जाता है.चमकती हुई सफलता के बारे में सब जानते है. पर क्या आप इस सफलता के पीछे के संघर्ष के बारे में जानकारी रखतें है, जानकर आश्चर्य ज़रूर होगा कि यह खिलाड़ी एक समय पर सड़क किनारे चिकन बेच कर गुज़ारा किया करता था. आइये जानते है पूरी कहानी

गरीबी ने भूखे पेट भी सुलाया है टी नटराजन को 

1991 में तमिलनाडु में के सलेम जिले में टी नटराजन का जन्म हुआ था. आपको बता दें कि टी नटराजन का परिवार बेहद गरीब था, उनके पिता पावर लूम में काफी छोटी नौकरी किया करते थे. घर का खर्चा चलाने के लिए सिर्फ उनके पिता की नौकरी पूरी नहीं पड़ती थी, इसलिए नटराजन की माँ सड़क किनारे एक चिकन का ठेला भी लगाया करतीं थी जिसमे नटराजन खुद भी काम किया करते थे. नटराजन का परिवार गरीब था साथ ही बड़ा भी इसलिए कई बार पांचो भाई बहनो समेत माता पिता को भी भूखे पेट ही सोना पड़ता था.

जहा खाने के लिए व्यवस्था करने में इतनी दिक्कतें होती थी वह क्रिकेट के लिए खर्चा निकलना नामुमकिन था. लेकिन फिर भी अपनी म्हणत और संघर्ष के चलते उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में खुद के लिए जगह बना ही ली.

ए जयप्रकाश ने की थी टी नटराजन की मदद

हुनर की कमी नटराजन में शुरू से ही नहीं थी, इसलिए उनके आस पास के गांव वाले भी उनका खेल देखने आया करते थे. हुनर की कमी नहीं थी लेकिन आर्थिक मज़बूती न होने की वजह से वे ऊँचे स्तर पे अपना नाम नहीं बना पा रहे थे. लेकिन जहा कुछ कर दिखने की इच्छा हो, जोश हो और जज़्बा हो वह कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है. ऐसे में उम्मीद की किरण बनकर आये ए जयप्रकाश ने नटराजन की काबिलियत को देख उनकी हर मुमकिन सहायता की.

ए जयप्रकाश ने नटराजन की मदद करते हुए उन्हें चेन्नई खेलने भेजा, और उनकी इसी दरियादिली के चलते आज नटराजन उन्हें अपना बड़ा भाई भी मानते है. इतना ही नहीं नटराजन कई बार इंटरव्यू में कह चुके है कि अगर ए जयप्रकाश ने उनकी मदद न की होती तो वे आज किसी कारखाने में मजदूरी कर रहे होते. चेन्नई आकर तमिलनाडु में एक मैच के दौरान वे उच्च अधिकारीयों की नज़र में आये और वहीँ से उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बनाने की ठान ली थी.

कप्तान धोनी को भी भेज चुके है पवेलियन

आईपीएल में टी नटराजन की शुरुआत कुछ ख़ास तौर काबिले तारीफ नहीं थी. 2017 में उन्हें किंग्स एलेवेन पंजाब में जगह मिली थी, मगर ख़राब प्रदर्शन होने के चलते उन्हें टीम कर दिया गया था. उस पूरे आईपीएल में वे केवल 2 ही विकेट चटका पाए थे. उसके बाद 2019 और फिर 2020 में हुए आईपीएल में उन्होंने यह तय कर लिया था की उन्हें कुछ करके ही जाना है. 2020 का वो आईपीएल सीज़न याद करने लायक है. क्योंकि नए नए आये नटराजन ने अपने सामने आये हर बल्लेबाज़ को मात दी थी. उनकी गेंदबाज़ी के आगे चाहे कप्तान धोनी हो या कोहली, कोई भी टिक नहीं पा रहा था.

अपने इसी प्रदर्शन के बाद टी नटराजन को ऑस्ट्रेलियाई दौरे में भी आने का मौका मिला. इस दौरे में नटराजन ने कुल 4 मैचों में 8 विकेट चटकाकर यह साबित कर दिया था कि वे आने वाली इंडियन क्रिकेट टीम का भविष्य है.

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