मुंबई इंडियंस आईपीएल के इतिहास की सबसे सफल टीम है, और कप्तान रोहित शर्मा. क्योकि रोहित शर्मा की कप्तानी में मुंबई इंडियंस टीम ने 5 बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की है. लेकिन पिछले दो साल से इस टीम की जो हालत है, वो काफी सोचनीय है. जहाँ पिछले सीजन में रोहित शर्मा की मुंबई इंडियन 14 मैच में 4 मैच ही जीत पाई और अंक तालिका में सबसे निचे रही तो वही इस साल आईपीएल 2023 में भी इस टीम की हालत कुछ ख़ास नहीं है. मौजूदा आकड़ो के हिसाब से इस समय मुंबई इंडियंस टीम 10 मैच में से 5 मैच जीत सकी है और अब अंक तालिका में 10 अंक के साथ नंबर 6 पर बनी हुई है.
2019 के बाद से आउट ऑफ़ फॉर्म है रोहित शर्मा:-
इसके अलावा मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा भी आईपीएल 2019 के बाद से 400 रन का आकड़ा पार नहीं कर पाए है. रोहित शर्मा ने जहाँ 2020 में 12 मैचों में 332 रन बनाये तो वही 2021 में 13 मैचों में 381 रन, 2022 में 14 मैच में 268 रन बनाये और अब आईपीएल 2023 में अभी तक 10 मैच में 184 रन ही बना सके है. यानी अब रोहित शर्मा एक एक रन बनाने के लिए तरस रहे है. अब इसी मसले पर टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रविशास्त्री ने बड़ा ब्यान दिया है, जिसमे उन्होंने बताया है की रोहित शर्मा और मुंबई इंडियंस की इतनी बुरी हालत की असली वजह क्या है? तो चलिए जानते है रविशास्त्री ने क्या कहा…
एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में रविशास्त्री ने कहा, ‘दो-तीन साल पहले उनके पास जिस तरह के संसाधन थे, अब वे उनके पास नहीं हैं. बतौर कप्तान उनके सामने चुनौतियां अब दोगुनी हो गई हैं. पिछले दो तीन वर्षों में कप्तान के तौर पर कार्यभार भी बढ़ गया है. आपके सामने बड़ी चुनौती अपने खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन करवाने की है. आप उन्हें मोटिवेट कैसे करते हैं, आप किस कॉम्बिनेशन के साथ खेलते हैं, आप यह किस तरह से देखते हैं कि कौन मैच के अलग-अलग मोड़ पर आपके लिए बेहतर प्रदर्शन करेगा.’
ईशान किशन और सूर्यकुमार ही बचे:-
बता दे की दो साल पहले तक मुंबई इंडियंस के पास हार्दिक पंड्या और क्रुणाल पंड्या जैसे खिलाड़ी थे, जोकि अब अलग अलग दूसरी टीम में पहुँच गये. लसिथ मलिंगा, कायरन पोलार्ड ने भी साथ छोड़ दिया. जोफ़्रा आर्चर और जसप्रीत बुमराह भी साथ नहीं दे पा रहे. हालांकि मुंबई के पास इशान किशन और सूर्यकुमार यादव जैसे पुराने और इनफ़ॉर्म बल्लेबाज़ हैं लेकिन इन्हें छोड़कर मुंबई की बल्लेबाज़ी एकदम नई ही है.
रविशास्त्री ने अपने ब्यान में आगे ये भी कहा, अगर आप एक बल्लेबाज़ के तौर पर रन बनाने लग जाते हैं तो एक कप्तान के तौर पर आपका काम आसान हो जाता है. इससे बॉडी लैंग्वेज में बदलाव आता है, मैदान पर आपकी ऊर्जा दूसरे प्रकार की होती है लेकिन जब रन नहीं निकलते तब परिस्थिति इसके एकदम विपरीत होती है. इसलिए एक कप्तान के तौर पर यह ज़रूरी है कि आपका निजी प्रदर्शन भी अच्छा हो। यही सेम टीम आने वाले दो तीन वर्षों में एक मज़बूत टीम बन सकती है, लेकिन इन्हें सही तरह से संयोजित करने की ज़िम्मेदारी कप्तान की ही है.