WTC Final मैच में ड्यूक बॉल ही क्यों इस्तेमाल की जाएगी? भारत की SG गेंद से है कितनी अलग, जानिए एसजी और ड्यूक बॉल में अंतर

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Dukes Ball in WTC Final Ind vs Aus: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जून को WTC Final खेला जायेगा यह मैच ड्यूक बॉल से खेला जायेगा, लेकिन भारतीय टीम एसजी बॉल से खेलने की आदी है जो की भारतीय गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों के लिए बड़ी समस्या है

WTC फाइनल में इस्तेमाल होगी ड्यूक बॉल 

ड्यूक बॉल WTC फाइनल में इस्तेमाल होगी इसके लिए भारतीय टीम ने ड्यूक बॉल से प्रेक्टिस स्टार्ट कर दी है भारतीय खिलाड़ियों ने IPL के दौरान भी ड्यूक बॉल से प्रैक्टिस की थी. जिससे वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में उतरने के लिए खिलाड़ियों को परेशानी ना हो.

ड्यूक बॉल की खासियत 

इंग्लैंड में बनने वाली ड्यूक बॉल की सीम उभरी हुई होती है. इस गेंद की सिलाई हाथ से होती है. इस बॉल से फास्ट बॉलर्स को ज्यादा मदद मिलती है. ड्यूक बॉल की हार्डनेस 60 ओवर तक बनी रहती है. जबकि 20-30 ओवर बाद ही इस बॉल से गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग मिलने लगती है.

SG बॉल की खासियत 

रिवर्स स्विंग के मामले में कूकाबुरा और SG बॉल थोड़ी अलग हैं. दोनों गेंदों से 50 ओवर के आसपास रिवर्स स्विंग मिली शुरू होती हैं. बात करें एसजी बॉल की, तो ये भारत में ही बनती है. इसकी सिलाई भी ड्यूक की तरह हाथ से की जाती है. इस गेंद की सीम उभरी हुई होती है. इस गेंद से तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिनर्स को ज्यादा मदद मिलती है.

बॉल  –  किस देश में इस्तेमाल होती है

कूकाबुरा – ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, साउथ अफ्रीका, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान.
ड्यूक – इंग्लैंड, आयरलैंड और वेस्टइंडीज.
एसजी  – सिर्फ भारत में इस्तेमाल होती है.

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