जिगरी दोस्त प्रज्ञान ओझा ने सुनाई हिटमैन के संघर्ष की कहानी, बोले- दूध की थैली तक बेच चुके है रोहित शर्मा, उसने ही मुझे सिखाया टी- 20 में आक्रमक गेंदबाजी करना

Photo of author

वर्तमान में भारतीय क्रिकेट टीम और आईपीएल में MI के कप्तान रोहित शर्मा अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते है. इन्होने अपने अब तक के क्रिकेट कैरियर में भारत और MI के लिए कई बड़ी और यादगार पारियाँ खेली है, और अपनी तूफानी बल्लेबाजी के दम पर क्रिकेट की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम हासिल किया है. लेकिन क्या आप जानते है की आज रोहित शर्मा सफलता के जिस मुकाम पर है, वहां पहुंचे के लिए इन्होने भी कई कठिनाईयों का सामना किया है. इन्होने भी अपने क्रिकेटिंग कैरियर में कई बड़े उतार-चढ़ाव देखे है. जिनके बारे में अधिकतर लोग बिलकुल भी नहीं जानते है.

लेकिन अब कप्तान रोहित शर्मा के जिगरी दोस्त प्रज्ञान ओझा ने इनके संघर्ष की कहानी का बहुत बड़ा खुलासा किया है. जिसमे उन्होंने बताया है की रोहित शर्मा अपने संघर्ष के दिनों में दूध बेचने का काम भी कर चुके है. वो क्रिकेट किट खरीदने के लिए दूध की थैली बेचकर पैसे कमाते थे. इसके आगे ओझा ने रोहित के सफल होने की कहानी भी बताई और खूब तारीफ भी की.

हाल ही में दिए अपने एक ब्यान में प्रज्ञान ओझा ने कहा-

रोहित शर्मा एक मिडिल क्लास फैमली से आते है. मुझे याद है एक बार जब हमने क्रिकेट किट के लिए बात की थी तब वो भावुक हो गया था. वास्तव में उसने क्रिकेट किट खरीदने के लिए दूध बेचने का काम भी किया था. लेकिन आज जब मैं उसे देखता हु तो बहुत गर्व होता है. ओझा ने कहा की हमारी लाइफ एक साथ शुरू हुई थी और आज हम दोनों कहा पर है. जब हम पहली बार मिले थे अंडर 15 में तब हर कोई कह रहा था की वो एक स्पेशल खिलाड़ी है. वो उस समय भी आक्रमक था. हमने एक दुसरे के खिलाफ क्रिकेट खेला है.

हम दोनों मैच के दौरान आक्रमक रहते थे, लेकिन एक अच्छे दोस्त भी थे. मैंने उसका विकेट भी लिया है. वो ज्यादा नहीं बोलता था, लेकिन क्रिकेट आक्रमक खेलता था. प्रज्ञान ओझा ने बताया की जब तक वो रणजी में मुंबई के लिए खेलता था तब तक हम एक दुसरे को केवल जानते थे. लेकिन हमारी दोस्ती तब बढ़ी जब पता चला की वो उन लोगो में से था जो प्रैंक खेल सकता था.

प्रज्ञान ओझा ने अपने ब्यान में कहा की जब हम अंडर 19 खेल खेलते थे, उस समय जब हम दबाव में होते थे तब वो कुछ ऐसी नकल करता था जिससे तनाव दूर हो जाता था और हम हसने लगते थे. इसके आगे ओझा ने रोहित के आईपीएल में सफल होने को लेकर कहा, रोहित ने ही मुझे विस्वास दिलाया था की मैं भी टी -20 क्रिकेट में आक्रमक गेंदबाज बन सकता हु और मिडिल में विकेट ले सकता हु. तब मैं समझा था की उसके अंदर लीडर बनने की काबिलियत है, उसन बाकी लोगो को भी एक कदम आगे रखने की कोशिश की.

Leave a Comment