सुनील गावस्कर का 52 साल पुराना वो महारिकॉर्ड, जिसे आज तक नहीं तोड़ पाया दुनिया के कोई भी बल्लेबाज

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सचिन तेंदुलकर से लेकर महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली तक ऐसे कई दिग्गज बल्लेबाज हुए है, जिन्होंने क्रिकेट की दुनिया में अपने नाम का परचम लहराया है और कई अनोखे रिकॉर्ड अपने नाम किये है, जिन्हें आज तक भी दुनिया का कोई और क्रिकेटर नहीं तोड़ पाया है.

इसी के चलते आज हम आपको महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के उस रिकॉर्ड के बारे में आपको बताने वाले है, जिसे 52 साल से कोई नहीं तोड़ पाया है और आगे भी कोई तोड़ पाए इसकी भी उम्मीद ना के बराबर है. लेकिन आपको सुनील गावस्कर के उस रिकॉर्ड के बारे में बताये उससे पहले आपको बता दे की-

सुनील गावस्कर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में साल 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ पोर्ट ऑफ स्पेन में टेस्ट में डेब्यू किया था. उस वक्त वेस्टइंडीज के पेसर का अपना एक अलग जलवा था. दुनिया का कोई भी बल्लेबाज उनका सामना करने से घबराता था. लेकिन सुनील गावस्कर ने अपनी आतिशी बल्लेबाजी से वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ा दी थी.

ये है सुनील गावस्कर का ख़ास रिकॉर्ड:-

अब बात इनके उस ख़ास रिकॉर्ड की करे तो सुनील गावस्कर के नाम अपनी डेब्यू सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड कायम है. इस रिकॉर्ड को सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक दुनिया का कोई भी बल्लेबाज नहीं तोड़ पाया है. बता दे की सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपनी डेब्यू सीरीज में ही चार शतक के साथ सबसे ज्यादा 774 रन ठोके थे.

सुनील गावस्कर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दस हजार का आंकड़ा छूने वाले पहले क्रिकेटर हैं. इतना ही नहीं सुनील गावस्कर के नाम तीन बार इंटरनेशनल टेस्ट मैच की दोनों पारियों में शतक लगाने का भी रिकॉर्ड है. ऐसा करने वाले ये  इकलौते भारतीय हैं. इसके अलावा सुनील गावस्कर क्रिकेट की दुनिया में सबसे तेज पांच हजार रन पूरे करने के मामले में तीसरे बल्लेबाज है.

सुनील गावस्कर का क्रिकेट करियर:-

सुनील गावस्कर ने अपने क्रिकेट करियर के दौरान भारत के लिए 125 टेस्ट मैच खेले, जिनमे 34 शतक और 45 अर्धशतक के साथ 10122 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए 108 वनडे मैचों में 3092 रन बनाए, जिसमें वह सिर्फ एक शतक ही लगा पाए.  उन्होंने टेस्ट मैचों में भारत के लिए 108 कैच भी लपके हैं.

 

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Kuldeep is an emerging talent in the field of cricket writing and he has been working for Cricket Reader as a Sub Editor and delivering news and opinion from the world of cricket.